जादुई नदी


एक समय की बात है जब लोग गांव में रहा करते थे | यह कहानी भी एक गांव की ही है | गांव में एक किसान और उसकी बीवी रहा कहते थे | किसान का नाम समीर था | तो हर दिन सुबह उठकर खेतों में जाता और खेत जोतने लगता और रात के वक्त घर लौट आता था | उनका खेत थोड़ा बड़ा और वह अकेला होने के कारण मेहनत उसे बहुत करनी पड़ती थी | किंतु फसल से उसको पर्याप्त कमाई नहीं हो पाता था जिसके कारण वह हमेशा दुखी रहा करता था | समीर की जमीन के पास भी एक नदी देता था और उस नदी के पानी से ही वह अपनी फसल को जीता था और खेतों में काम किया करता था | कबीर की बीवी हर दिन दोपहर के समय पर उसके लिए खाना लेकर जाती हो और उसे एक अपील की छांव में बिठाकर खाना परोस के दिया करती थी | उस समय समय जितना भी काम किया हो जितना भी थका हो सारा चीज उसका चला जाता है और खुशी-खुशी खाना खा लेता है | 


इसी तरह वह लोग दो-तीन साल तक हंसी खुशी चलते थे | कुछ साल के बाद एक समय आया | उस साल वह किसान के खेत में जितना भी मेहनत करने पर फसल बिल्कुल भी नहीं हुआ | जितना मेहनत करने पर भी वहां पर बिल्कुल भी पेड़ पौधे नहीं हुआ | उसका किसान बहुत दुखी हो गया क्योंकि एक ना उसके जमीन पर फसल हुआ ना उस साल उसे कुछ कमाई हुई | क्या बात अपनी बीवी को नहीं बताना चाहता था क्योंकि उन्हीं चाहता था कि उसके कारण उसकी बीवी को दुख हो या वह दुखी हो | उसकी बीवी को कहीं पता ना चल जाए इसी कारण वह हर दिन सुबह उठकर खेतों में चला जाता था | मोहन नदी के पास बैठकर हमेशा रोता रहता था | ऐसे ही बहुत दिन बीत जाने के बाद जब पैसों की कमी ज्यादा बढ़ने लगे तब वह और भी ज्यादा दुखी होकर नदी के पास बैठा रहता हूं और हमेशा रोता रहता था |

जादुई नदी || Magic river || Hindi Moral Story
जादुई नदी || Magic river || Hindi Moral Story

वह नदी बहुत ही बड़ा नदी था और उस पर कभी भी पानी की कमी नहीं होती | इस दिन समीर जब नदी के पास बैठा हुआ था और रो रहा था तब उसे नदी में कुछ चमकता हुआ चीज दिखा | जब वह नदी में उतरा और नदी से वह चमकने वाला चीज को निकाल के बाहर आया तब वह चमकने वाला चीज को देखकर समीर हैरान हो गया | बहुत चमकने वाला जींस थोड़ा सा नहीं बहुत सारा था और वह एक बहुत ही बड़े पतीले में था | जब समीर भाई सामान को हाथ में निकाल कर देखा तब उसे पता चला यह बहुत सारा सोना है | यह देखकर समीर बहुत ज्यादा खुश हो गया और भगवान को प्रणाम किया | सोने से भरा पतीला खुले करो और खुशी-खुशी अपने भगवान लौट के आया बीवी को यह सारी बात बता दिया | यह सुनकर समीर की बीवी बहुत खुश हुई और खुशी से रो भी दी | बहुत सोने को बीच करो लोग हंसी-खुशी चलने लगे और कुछ दिनों के बाद समीर के खेत में फिर से फसल उगने लगे जिसके कारण समीर बहुत खुश हुआ | इतना सारा सोना को घर में रखकर भी समीर फिर से अपने काम पर चला गया और फसल उगाना चालू किया क्योंकि वह चाहता था कि वह अपने कमाई की ही खाए |



इस कहानी से हम यह सीखते हैं कि हमेशा मेहनत करना चाहिए जिसका फल स्वरुप हमें भगवान कुछ ना कुछ जरूर देता है |


|| धन्यवाद ||