दिल की बात 


बहुत पुरानी बात है पहाड़ के पास बहुत ही बड़ा गांव बसा था | वह गांव में बहुत सारे लोग रहा करते थे | कुछ साल के बाद एक नए परिवार ने वहां आके अपना जीवन शुरू किया | वह परिवार में बहुत सारे लोग नहीं थे खाली एक लड़का और एक लड़की शादी करके आकर वहां बसने लगे | धीरे-धीरे समय के अनुसार गांव वालों के साथ उनका बातचीत बढ़ने लगा और गांव वालों से उन्हें लगाव होने लगा | शादी के कुछ साल के बाद ही उनका दो बेटे हुए एक का नाम उन्होंने राम और एक का नाम उन्होंने श्याम दिया | गांव में रहने के कारण राम का आचार व्यवहार तो बहुत ही अच्छा था परंतु श्याम बाहर गंदे बच्चों से मिलने के कारण उसका आचार व्यवहार थोड़ा सा बिगड़ने लगा | परंतु दोनों में से सबसे ज्यादा चालाक तो श्याम ही था | दोनों को बचपन से उनके माता-पिता बहुत ही प्यार करते थे और धीरे-धीरे समय के अनुसार उन्हें वह स्कूल में भी डालें | राम पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा आगे था इसी कारण वह हर साल अपने क्लास में पहला स्थान पाता था किंतु श्याम बदमाशी में बहुत आगे था जिसके कारण उसके बार-बार कंप्लेन घर पर अतिथि | घर में राम को शाबाशी मिलता था तो शाम को मार मिलता था | यहां देख कर उन दोनों के माता बहुत ही ज्यादा दुखी हो जाती थी | 

दिल की बात || Heart Story || Hindi Moral Stories
दिल की बात || Heart Story || Hindi Moral Stories


ऐसे ही कुछ साल तक चलता रहा धीरे-धीरे वह लोग जैसे बड़े होते गए उसी तरह राम और श्याम के बीच का झगड़ा भी बढ़ने लगा | एक दिन वह चीज सर के ऊपर चला गया और गुस्से में आकर सामने राम के गले को चाकू से काट दिया | राम छटपटाते हुआ वहीं पर अपना प्राण त्याग दिया | गांव वाले भी श्याम के बदले राम को बहुत ज्यादा प्यार करते थे जब उन्होंने राम की मौत की खबर सुनी वह लोग दंग रह गए | उन दोनों की मां यह खबर को बर्दाश्त नहीं कर पाई और वहीं पर ही बेहोश हो गई | जब उन्हें अस्पताल ले लिया गया तब डॉक्टर ने उन्हें बोला कि यह बस कुछ ही दिनों की मेहमान है | यशवंत का श्याम बड़ा खुश हुआ किस चीज उसे दोनों अपने माता-पिता से बहुत ही ज्यादा चीड़ था | 


बचपन में तो कोई गलती करने पर श्याम के पिताजी शाम को बहुत मारा करते थे परंतु अभी श्याम बड़ा हो जाने के कारण अगर गलती अपने पिता से कुछ भी हो जाती है तब श्याम उन्हें मारता है | यह देखकर शाम की मां बहुत ज्यादा दुखी हो जाती है और श्याम के पिताजी कुछ भी ना बोलकर सब कुछ सह लेते हैं | श्याम अपने घर के सारे काम अपने पिताजी से करवाता था और अपनी माता को दवाई भी लाकर नहीं देता था | आखिर में श्याम के पिताजी अत्याचार को सहते सहते थक गए और आखिर में वह भी भगवान को प्यारे हो गए | क्या देखकर शाम को खराब लगा क्योंकि श्याम अपना सारा काम अपने पिताजी से करवाता था अभी और घर का सारा काम कौन करेगा क्योंकि इसकी माता तो बिस्तर में पड़ी रहती है | 


फिर 1 साल के बाद सामने एक लड़की से शादी कर ली और उसे अपने घर पर ले आया | श्याम की बीवी ने शाम की ही तरह अपने सास के ऊपर अत्याचार करने लगी | एक रात बहुत तेज बारिश हो रहा था और उसी रात को श्याम अपने माता घर से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया | और उसने गांव वालों को भी बोल दिया अगर किसी ने उसकी मां को जगह दी तब उसका परिवार मौत के मुंह पर सो जाएगा | इसी कारण किसी ने भी शाम को जगह नहीं दी | श्याम की मां बारिश में भीगते हुए एक मंदिर के पास पहुंची | अपना पेट भरने के लिए उन्होंने मंदिर के सामने ही भीख मांगना शुरू कर दिया | ऐसे ही कुछ दिन तक भी के पैसों से वह गुजारा कर रही थी और आखिर में वह भी भगवान को प्यारे हो गए | 


अभी श्याम अपनी बीवी के साथ बहुत ही ज्यादा खुशी से रह रहा था | कुछ साल की बात जब शाम कभी बेटा हुआ और जब वह बड़ा हुआ वह भी अपने पिता की तरह ही शाम को घर से धक्के मार कर निकाल दिया | और आखिर में ही श्याम समझा माता-पिता को रुलाने से परिणाम क्या भुगतना पड़ता है |


यह कहानी से हम यहां सीखते हैं कि कभी भी अपने माता पिता को रुलाना नहीं चाहिए और हमेशा उनकी इज्जत करनी चाहिए अन्यथा कल श्याम की तरह ही भुगतना पड़ सकता है |

|| धन्यवाद ||