गरीब बना अमीर

यह बहुत पुरानी बात है |  एक नदी के किनारे एक गांव बसा था और उस गांव में बहुत सारे लोग रहा करते थे | गांव के ज्यादातर लोग खेती-बाड़ी करके ही जिया करते थे | उन गांव वालों में से एक का नाम था राजेश |  वह भी औरों की तरह खेती-बाड़ी करके जीता था |  पूरा हाल ही में ही उस गांव में आया था और गांव उसे पसंद आने के कारण वह वहीं पर रहना कुबूल किया | धीरे-धीरे गांव वाले भी उसे पसंद करने लगे और उसके आचार विचार भी बहुत ही ज्यादा अच्छे थे जिस कारण सारे लोग उसे पसंद करते थे | धीरे-धीरे  राजेश वहां पर अच्छे से खेतीवाड़ी किया और थोड़े बहुत पैसे भी तुम आना चालू किया |


उसके निष्ठा और मेहनत को देखकर गांव के सरपंच उस पर बहुत खुश हुए और उससे अपनी बेटी की शादी करवाने की इजाजत मांगी | यह सुनकर राजेश बहुत खुश हुआ और उनकी बेटी से शादी करने के लिए वह राजी भी हो गया | कुछ दिनों के बाद राजेश की सरपंच की बेटी के साथ शादी हो गई और वह सुखी सुखी अपना संसार शुरू करने लगे |  गांव के पास नदी होने के कारण खेती बाड़ी में कोई भी तरह का समस्या नहीं आता था अगर किसी साथ बारिश भी ना होता तब भी गांव वाले नदी के पानी को इस्तेमाल कर अच्छे से खेतीवाड़ी कर लेते थे |  बलम तू गांव शहर से बहुत दूर होने के कारण गांव वालों की कमाई इतनी ज्यादा नहीं होती थी और राजेश हमेशा घर बैठे सोचता मैं इतने कम कमाई से मेरे परिवार को कैसे चला लूंगा  |  

गरीब बना अमीर || gareeb bana ameer || Hindi Moral Story


कुछ महीने के बाद राजेश के घर में एक बेटी ने जन्म लिया  जिसका नाम गांव वालों ने मिलकर राधिका रख दिया | लड़की सबसे प्यारी थी और बहुत ही ज्यादा प्यार किया करते थे |  किंतु राजेश को हमेशा यह डर था अगर किसी साल फसल बहुत ही ज्यादा कम हुआ और मेरी कमाई और भी कम हो गई तब मैं अपने परिवार को किस तरह से चला लूंगा  | क्या डर को कमाने के लिए वहां खेती-बाड़ी के साथ-साथ दूसरी और मजदूरी और अन्य प्रकार के काम करके पैसा कमाना चालू कर दिया |  अपनी फसल को भी और किसी को ना देख कर सारे के सारे फसल को लेकर वहां शहर चाहता और शहर में फसल को खुद बेचता था और अपनी कमाई को थोड़ा बढ़ाने लगा | 


उसकी बेटी को इस दुख और दशा से मुक्त करने के लिए वह और भी मेहनत करने लगा | राजेश कभी भी नहीं चाहता था कि उसकी बेटी यह सब सहै | धीरे-धीरे माहौल ज्यादा मेहनत किया और कुछ दिनों के बाद उसने बहुत सारे ट्रैक्टर खरीदे और अपने किसी के उपकरण खरीदे |  बहुत लोगों को  वह अपने खेत में काम दिया और धीरे-धीरे उसकी कमाई और भी ज्यादा बढ़ने लगी |  उसने गरीबी से एक अमीर आदमी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत की और आखिर में भगवान भी खुश होकर उसे अमीर बना दिए |  अमीर बनने के बाद अपने अंदर एक बार के लिए भी गर्व नहीं लाया और हमेशा दुखी भूखे लोगों की सहायता करने लगा | आखिर में वह अपने दिल से भी  अमीर हो गया |


इस कहानी से हम यह सोचते हैं कि मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है |


|| धन्यवाद ||