मूर्ख मगरमच्छ
बहुत पुराने समय की बात है एक बहुत बड़ा जंगल हुआ करता था | मंगल बहुत ही ज्यादा हरा भरा था | अभी बहुत सारे जीव जंतु रहा करते थे और सारे जीव जंतु के अंदर प्रेम का भावना बहुत ही ज्यादा था | सारे जीव जंतु बहुत खुशी से रहा करते थे और उन सब में बहुत ही ज्यादा खेलकूद का भावना था और हमेशा वह मस्ती में लगे रहते थे |
घना जंगल के पास एक छोटा सा नदी था और नदी में बहुत सारे मछली आ रहा है | सारे जीव जंतु और मछली के बीच में बहुत ही अच्छा मन हुआ था और सारे अच्छे से मिलजुल कर रहा करते | कुछ साल के बाद एक मगरमच्छ उस नदी में रहने को आ गया | धीरे धीरे को हम अगर बस सारा का सारा मछली को खा गया | सारे मछली को खा जाने के कारण सारे जीव जंतु धीरे-धीरे वह मगरमच्छ से डरने लगे |
वह नदी के पास एक बहुत ही बड़ा पेड़ था और वह पेट जामुन का था | हर दिन वह पेड़ में एक बंदा कर जामुन खाया करता था और नीचे राह मगरमच्छ को देखता था | हर दिन मगरमच्छ भी उसे देखता था और मनी मन सोचता रहता था काव्य बंदर पानी में गिर जाए और मैं उसे खा जाऊं | धीरे-धीरे दोनों के बीच में दोस्ती हुई और धीरे-धीरे दोस्ती गहरी होती गई | बंदर पेट जामुन निकालकर वह मगरमच्छ को खाने के लिए दिया | जामुन में से कुछ खाया और कुछ लेकर अपने घर जाने के लिए निकल पड़ा और बंदर को बोला कि भाई इनमें से मैं कुछ जामुन को मेरे बच्चों और बीवी को दूंगा और उन्हें भी बोलूंगा खाने के लिए | मगरमच्छ जामुन के पेड़ के पास आने के लिए अपने घर से निकला तब उसकी बीवी बोली अब हर दिन तो हमारे लिए यह मीठे मीठे जामुन राज्यों का भी उस बंदर को भी ले आओ जुआ जामुन इतना मीठा है और वह बंदर इस जामुन को हमेशा खाता है तो उसका कलेजा भी कितना मीठा होगा | यह सुनकर मगरमच्छ के मुंह में भी पानी आ गया और वह सोच कर गया कि आज जरूर में वह बंदर को लेकर आऊंगा |
जब वह जामुन के पेड़ के पास पहुंचा तब बंदर उस पेड़ के ऊपर बैठा हुआ था | मगरमच्छ बंदर को बोलता है भाई आप मेरे साथ चलो मैं आपको मेरे बीवी बच्चों से मिलाना चाहता हूं वह आपको मिलने के लिए बहुत ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं | यह सुनकर बंदर खुश हो गया और बोला ठीक है चलिए | रस्ते में मगरमच्छ बंदर को बोलता है कि मैं आपका कलेजा खाने के लिए आपको लेकर जा रहा हूं | क्यों सुनकर बंदर बहुत डर गया और अपने जीवन को बचाने के लिए उसके पास और कोई भी उपाय नहीं था क्योंकि चारों तरफ पानी ही पानी | आखिर में बंदर ने एक बुद्धि लगाई और मगरमच्छ को बोला भाई अगर आप मेरे को पहले बोले रहते तो मैं अपना कलेजा लेकर आ जाता मैं तो उसे उसी पेड़ के ऊपर छोड़ कर आ गया हूं | क्यों सुनकर वह मुर्ख मगरमच्छ फिर से बंदर को लेकर उस पेड़ के पास चला गया |
पेड़ के पास पहुंचते ही बंदर गुलाटी मार कर तेजी से दौड़ने लगा और दौड़ते दौड़ते बोला अरे मूर्ख कलेजा हमेशा हर जीव के शरीर के अंदर ही होता है उसको बाहर निकाला जा सकता तू कैसे सोच लिया कि मैं अपना कलेजा बाहर छोड़ कर आया हूं | यह सुनकर मगरमच्छ बहुत दुखी हुआ और घर लौट गया |
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