घमंडी भक्त


बहुत पुरानी बात है नदी के किनारे पहुंची छोटा सा गांव था | नदी के पास ही एक छोटा सा शिव जी का मंदिर था | गांव में एक पुजारी रहते थे वह मंदिर में पूजा पाठ किया करते थे और मंदिर की देखभाल किया करते थे | गांव वाले सुबह उठ कर नहा धोकर उस दिन में आते हैं और भगवान शिव जी की आराधना किया करते थे | गांव एक मंदबुद्धि आदमी था | जब वह बचपन में पैदा हुआ था एक ऋषि ने बोला था कि जो भी भगवान से मांगेगा वह सब कुछ उसे मिल जाएगा | परंतु यहां आदमी बचपन में कभी स्कूल ना जाने के कारण इतना दिमाग भी चालाक नहीं था और यह लोगों के बहकावे में बहुत ही ज्यादा आ जाता था |


ऋषि की बात को आजमाने के लिए एक बार बाद में भगवान से एक छोटा सा घर मांगा और कुछ दिनों के अंदर एक घर उसे मिला | उसके माता-पिता नहीं थे इसी कारण उसके घर में कोई कमाने वाला भी नहीं था और कम पढ़ाई करने के कारण कोई भी आदमी उसे अपनी यहां नौकरी पर नहीं रखता था | इसी कारण धीरे-धीरे वह गरीब होने लगा और अनाज की कमी उसे होने लगी | परंतु अपने भूख को हमेशा दबा देता था परंतु है तो इंसान इसी कारण आखिर में अपने भूख को और ना संभालते हुए भगवान से खाने के लिए कुछ अन्य मांगा | भगवान उसकी दशा देखकर उसे अन्य भेज दिए और वह खुशी-खुशी उसको खाया | जब भी उसे भूख लगता है वह भगवान शिव जी को मन ही मन प्रार्थना करता हूं कि उसे किसी न किसी माध्यम से खाना लाकर दे देते थे | धीरे धीरे तरीके को और काम करने में भी इस्तेमाल किया और धीरे-धीरे बहुत ही ज्यादा आलसी होने लगा क्योंकि सारा काम तो एक बार भोपाल दुकान चला करने से ही खो जाता था |


घमंडी भक्त || ghamandi Bhakta || Hind Stories


पहले से ही बहुत था एक बहुत ही बड़ा मंदबुद्धि | उसके अलावा लोगों को उन्नति करता हुआ देखकर उसे बहुत ही ज्यादा जलन होती थी | जब भी गांव में कोई अपने मेहनत के पैसे से कुछ नया सामान खरीदना वह उस सामान को अपने शक्ति से मंगा देता था और हमेशा अपने आप को लोगों से आगे दिखाता था | इसी जलन के कारण वहां अपने इस शक्ति का दुरुपयोग किया करता था | धीरे-धीरे वह लोगों के और अपने दोस्तों के बहकावे में आकर बहुत सारा गलत काम ही कर दिया करता था | एक बार उसे पता चला सोना दुनिया का सबसे ज्यादा अनमोल और कीमती चीज होता  है | भगवान से सोना गेम आऊंगा और भगवान ने भी उसे दे दिया | धीरे-धीरे उसके पास पैसे आने लगे उसे सोने से कौन-कौन गांव में बहुत ही ज्यादा अमीर हो गया | गांव में ज्यादातर लोग गरीब होते हैं और उनके बीच यह आदमी बहुत ही ज्यादा पैसे वाला होने के कारण उसके अंदर घमंड आने लगा | पैसा आने के कारण लोगों के साथ बहुत ही बुरी तरह से बर्ताव करने लगा |


इस तरह के घमंड को देखकर भगवान शंकर जी भी उसके ऊपर बहुत ही ज्यादा क्रोधित हुए और सोचे कि इसको अब दंड देना ही पड़ेगा और इसका घमंड तोड़ना पड़ेगा | जब धीरे-धीरे उस आदमी के पास पैसा खत्म होते गया और आखिर में इसे और ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ने लगी तब उसने फिर से भगवान को प्रार्थना की कि उसे कुछ और सोने या फिर कुछ और पैसे दे | परंतु इस बार भगवान ने उसे पैसे के बदले एक कटोरा और उसमें एक चिट्ठी दी | उस चिट्ठी में लिखा गया था कि तुम इस कटोरे को लेकर गांव के हर आदमी के घर के दरवाजे पर खड़े हो और खटखट आओ  | कुछ समय के बाद जब दरवाजा खुलेगा तब उस घर के घर वाले तुम्हें जरूर कुछ देंगे | परंतु यह मंदबुद्धि आदमी ने समझा कि जरूर उन लोगों से मुझे पैसे मिलेंगे |



इसी आशा में जब उसने  गांव के घर घर जब दरवाजा खटखटाया तब उस घर के घर वालों ने बाहर आकर अपने चप्पल जूतों और डंडो से उसकी जमकर पिटाई की और उसे अपने घर के सामने से भगा दे | आदमी सोचता है कि मेरे साथ ऐसा क्यों है तब उसी समय भगवान उसके सामने आते हैं और बोलते हैं कि यह मंदबुद्धि तूने जब पैसे कमाए तब उन पैसों को सही ढंग से इस्तेमाल ना करके लोगों के ऊपर अत्याचार करने लगा और यह उसी का परिणाम है | उसके बाद सारे लोग इकट्ठे हुए और उस मंदबुद्धि को बहुत मारे और अपने गांव से निकाल दिए | गांव से निकालने के बाद मंदबुद्धि की दिमाग की बत्ती जली और वह अपना गलती समझा | उसके बाद वह दूसरे गांव में जाकर मेहनत मजदूरी किया और अपने ही कमाई का खाया | उसके बाद से उसने कभी भी अपनी शक्ति का इस्तेमाल ही नहीं किया |


कैसी लगी यहां कहानी Please जरूर मुझे बोले |
|| धन्यवाद ||

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