हमारा विद्यालय
विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां पर हर किसी को अपने जीवन में सफलता पाने की उपाय बताते हैं | हमारे पूजनीय आचार्य जी वहां हमें अपने जीवन में सफलता पाने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करते हैं | इसी कारण हमारा भी अपने विद्यालय के लिए कुछ नैतिक कर्तव्य होते हैं जिन्हें हर विद्यार्थी को पालन करना चाहिए |
हमें प्रतिदिन विद्यालय जाना चाहिए अगर कोई बहुत ही गुरुत्व पूर्ण कार्य नाम तब तक हमें विद्यालय से छुट्टी नहीं लेना चाहिए | विद्यालय हमेशा उचित समय पर ही जाना चाहिए कभी भी विलंब नहीं करना चाहिए | हर दिन साफ-सुथरे मस्त पहनकर ही विद्यालय जाना चाहिए | विद्यालय में अपनी पेंच के ऊपर सटीक रूप से बैठना चाहिए | अपने देश के ऊपर हमेशा सीधा बैठना चाहिए | जब आचार्य जी पढ़ाना शुरू करें उस समय अपने किताब और कॉलम बेस्ट के ऊपर रखकर पढ़ना चाहिए |
जब आचार्य जी श्रेणी कक्ष में हाय उस समय खड़े होकर अपने हाथों से उन्हें प्रणाम करना चाहिए | हमेशा कक्ष में शांत बैठे कभी भी बदमाशी ना करें | आचार्य जी जब पढ़ाते हो उनको अच्छी तरह से सुबह पर अपने दिमाग में बैठा है | अपने दोस्तों को प्यार करें उनके साथ कभी भी झगड़ा या फिर कोई भी प्रकार का बदमाशी ना करें | आचार्य जी श्रेणी कक्षा से बाहर जाते हो उस समय में उन्हें आदर सहित खड़े होकर सम्मान देना चाहिए |
विद्यालय में इधर उधर कहीं से भी तू के ना | जो भी टुकड़े कागज या फिर कोई खराब सामान हो तो उसको इधर उधर ना डालकर कूड़ेदान में ही डालें |
हमेशा जाने जी की बातें सुनने को जो भी बोले उसका पालन करना चाहिए | हंसने वाले समान आदर करना चाहिए जिससे आप दुनिया के सारे सुख चैन को भोग कर सकते हो और जीवन में एक अच्छी जिंदगी बिता सकें गे |
|| धन्यवाद ||
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