गांव में चुड़ैल
एक समय की बात है जब रमेश और उसकी पत्नी सविता एक गांव में रहा करते थे | उस समय लाइन कभी कब आ रही गांव में आया करता था और ज्यादातर दिन गांव में अंधेरा ही रहा करता था | लोग लालटेन का इस्तेमाल किया करते थे | कुछ साल के बाद सविता का एक बेटा हुआ और उन्होंने उसका नाम सुरेश दिया | उस दिन सविता बहुत खुश हुई और दोनों माता-पिता गांव भर में लोगों को मिठाई बांटते फिरे |
वह गांव की आस पास बहुत सारे घने जंगल के साथ शादी की और अच्छी बड़ा पहाड़ भी था | उस पहाड़ में एक छोटा सा गुफा था जिसमें एक चुड़ैल रहा करती थी | पहले तो हर दिन और चुड़ैल उस गांव के पड़ोसी गांव में जाओ के लोगों को उठा लाते थे और उस गुफा में बैठकर बड़े मजे से खाती थी | जब पड़ोसी गांव से लोग चुड़ैल के डर से भाग गए तब चुड़ैल को और लोग उस गांव में नहीं मिले खाने के लिए | धीरे-धीरे चुड़ैल की भूख बढ़ने लगी और वह दूसरे गांव के तलाश में निकल पड़ी | आखिर में वह इस गांव पर ही आ गया | इससे पहले उन गांव वालों को इस चुड़ैल के बारे में कुछ भी पता नहीं था |
चुड़ैल धीरे-धीरे अपना काम करना शुरू की | पहले दिन वह रात को गांव में आईफोन सारे घर में घूम घूम के दरवाजा खटखटाना शुरू कर दी | लोग कौन बुला रहा है सोच कर जब दरवाजा खोलो जाते तब वह चुड़ैल को देखकर डर जाते थे | फिर चुड़ैलों ना उठाकर ले जाते थे यार बड़े मजे से अपना भोजन कर लेती थी | ऐसे ही दो-तीन साल चलने लगा लो बहुत ही ज्यादा डरने लगे हैं और चुड़ैल से | जब रमेश का बेटा सुरेश बड़ा हो गया तो उसके दिमाग में दिन एक बुद्धि आए कि अगर हम रात को अपने दरवाजे के सामने एक शीशा लगा दे तब चुड़ैल अपनी शक्ल देख कर डर जाए और खुद डर के मारे भाग जाएगी | यह सुनकर सारे गांव वाले उसके बाद तो को आजमाने के बारे में सोचें और एक दिन रात को हर कोई अपने घर के बाहर शीशा लगा दिया और घर के अंदर चला गया | कुछ समय के बाद जुड़े हैं उस जगह पर आई जब वह दरवाजा खटखटाने के लिए दरवाजे के पास गई तब उसने शीशे में एक भागकर चेहरा को देखा और खुद डर गई | उसके बाद वह एक घर छोड़कर दूसरे घर जाते कहीं वहां पर बुलाने से कोई आ ना जाए पर दूसरे घर में भी उससे उसी तरह एक डरावना सा चेहरा आईने में दिखता और वहां से भी डर कर बाहर आ गई |
यह सब देखकर चुड़ैल में सोचा कि गांव वाले उससे बचने के लिए अपने घर के बाहर एक चुड़ैल को खड़ा किए हैं जो कि उन्हें बचाएगी | इसी तरह चुड़ैल उस दिन भूखा फिर से गुफा की तरफ चली गई | चुड़ैल हर दिन रात को गांव में आती और शीशा देखकर फिर से भूखे ही गुफा में चली जाती थी | लगभग की सिम चला 1 महीने तक चला | आखिर में बहुत दिन खाना ना मिलने के कारण चुड़ैल बहुत ही ज्यादा भूखी और दुर्बल हो गई थी | उसके पास और पहले जैसा शक्ति नहीं था |
एक दिन की बात है जब रमेश रात को देर से अपने घर पर आया था और उसने थोड़ी सी शराब भी पी ली थी उसके कारण उसका दिमाग अपने समझ में नहीं था | उस रात को रमेश अपनी बीवी सुविधा के ऊपर बहुत गुस्सा किया उसे मारामारी भी किया जो कि रमेश का बेटा देख कर सहन नहीं कर पा रहा था | इसी कारण वह अपने पापा के ऊपर बहुत गुस्सा हो गया था | उसी रात को चुड़ैल फिर से गांव में आई | सुरेश ने सोचा कि आज अपने पिता को चुड़ैल के हवाले कर देगा | इसीलिए हम अपने दरवाजे में शीशा नहीं लगाया | उस रात को तो रमेश थोड़ा शराब पिया था इसी कारण उसका दिमाग अच्छे से काम नहीं कर रहा था और वह भूल चुका था कि उसके गांव में कोई चुड़ैल भी आती है बोलकर | जब चुड़ैल आकर रमेश के घर का दरवाजा खटखटाने लगे तब रमेश बाहर कौन है देखने के लिए चला गया | उसके बाद चुड़ैल बहुत खुश हुई और रमेश को उठाकर ले गई | यह देखकर रमेश का बेटा सुरेश बहुत खुश हुआ और यह बात जाकर उसने अपनी माता को बताई | सुरेश की माता यह सुनकर सुरेश पर बहुत गुस्सा उसकी और बोली जो भी हो वह मेरे पति थे और तुम्हारे पिता थे | उनके साथ ऐसा करने का तुम्हारे पास कोई भी हक नहीं है | उसके बाद सुरेश को अपनी गलती का पश्चाताप हुआ और दोनों मां-बेटे मिलकर उस गुफा की तरफ चले गए | और चुड़ैल को बेवकूफ बना कर रमेश को वहां से ले आए |
एक बार की बात है जब उस गांव में एक बहुत ही बड़े ज्ञानी साधु बाबा आए थे | सारे गांव वाले शुभम के दर्शन के लिए गए और उन्हें अपने गांव के इस हालात के बारे में बोले | साधु बाबा ने यह सब सुनकर गांव वालों को उस चुड़ैल से हमेशा के लिए पीछा छुड़ाने का एक तरकीब बताया | बाबा ने बोला कि आप उस चुडेल को किसी भी तरह एक सरोवर के पास ले जाओ और तीन बार श्री विष्णु श्री विष्णु श्री विष्णु बोल के उस पर सरोवर का पानी सीट दो | उसके बाद चुड़ैल बेहोश हो जाएगी और उसी समय ही तुम उसके ऊपर तेल डालकर आग लगा देना | बाबा ने यह भी बोला कि यह सारा काम रात को ही करना |
गांव में चुड़ैल || The witch in the village || Story Dunia |
एक रात को सारे गांव वाले एक जगह पर हाय और एक तरकीब लगाई कि किस तरह चुड़ैल को सरोवर के पास ले जाएंगे | जब चुड़ैल गांव पर आई तब सारे गांव वाले उसे अपने पीछे दौड़ आने लगे और उस तालाब/सरोवर के पास चले गए | गांव वाले ने बाबा के कहने के मुताबिक पहले तू मंत्र के साथ उस चुडेल पर पानी चिट्टा | चुड़ैल बेहोश हो गई तब उसके शरीर पर तेल डालकर गांव वालों ने उस पर आग लगा दी और चुड़ैल उसी में जलकर मर गई | उसके बाद से गांव का हालात धीरे-धीरे बहुत ज्यादा सुधारने लगा लोग रात को भी खुलेआम घूम पाए और सब को पूरी आजादी धीरे-धीरे मिलने लगी |
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