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लव कुश || Luv Kush || Hindi Stories Dunia


लव कुश

त्रेता युग की बात है प्रभु श्री रामचंद्र जी माता सीता को त्याग दिए थे जिसके कारण माता सीता ऋषि बाल्मीकि के आश्रम में रहते थे | उसी आश्रम में माता सीता के दो पुत्र हुए  जिनको वह लवकुश नाम से नामित किए | वह दो लड़के ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहते हुए ऋषि बाल्मीकि से समस्त उपन्यास, वेद , पुराण इत्यादि का अध्ययन किया करते थे और उसके साथ-साथ वह अस्त्र-शस्त्र के भी शिक्षा लाभ करते थे | 


लव कुश || Luv Kush || Hindi Stories


एक दिन की बात है लव और कुश जंगल में भ्रमण कर रहे थे और उन्हें एक सुंदर सा घोड़ा दिखा | उसी समय वह उस घोड़े को  बंदी बना लिया | वह घोड़ा प्रभु श्री रामचंद्र जी के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा था | उस घोड़े को खोजते हुए अयोध्या के सैनिक उस जंगल पर आ पहुंचे और उनका लव और कुश से साक्षात जिसके पास उनका अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा था | जब लव और कुश उन सैनिकों को उनका घोड़ा ना दिए तब सैनिकों ने भाग्य होकर उनसे युद्ध करने की सोची | परंतु इस युद्ध में सारी सैनिक पराजित हुए | कुछ समय के बाद महावीर हनुमान उस जगह पर आए | परंतु हैरानी की बात यह है कि लव कुश ने महावीर हनुमान को भी बंदी बना लिया | उस युद्ध में भारत शत्रुघ्न और लक्ष्मण जैसे बड़े बड़े योद्धा भी हार गाय  | 



आखिर में भगवान श्री रामचंद्र खुद उस जंगल पर आए अपना घोड़ा लेने के लिए | परंतु युद्ध आरंभ होने से पहले ही महर्षि बाल्मीकि वहां पर आकर भगवान श्री रामचंद्र जी को युद्ध करने से रोके | परंतु राजा रामचंद्र जी हिंदू बच्चों के साहस और सामर्थ्य को देखकर बहुत ज्यादा विचलित हो गए | कुछ समय की वार्तालाप के बाद महर्षि वाल्मीकि ने उन दो पुत्र को भगवान श्री रामचंद्र जी का पुत्र बोलकर उन्हें अपने पिता का परिचय दीया |

|| धन्यवाद ||

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