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पड़ोसी को सहयोग || Neighbor support || Hindi Stories


 पड़ोसी को सहयोग 


एक दिन की बात है |  उस समय जेस्ट का महीना था और धूप भी बहुत तेज था | सत्यजीत नाम का एक आदमी रहता था उसके घर में कुछ अतिथि आए थे | कुछ समय के बाद वह लोग खा पी के बैठे थे | सब कोई खा लेने के बाद अतिथियों को आते देखकर सत्यजीत के घर वाले बहुत ही  गहरी सोच में पड़ गए |  घरों के बर्तन में कुछ भी खाना नहीं था और बाजार से कुछ खरीद के लाने के लिए उनके घर पर पैसे भी नहीं थे |  क्या होगा? यह सत्यजीत सोच रहा था | नए अतिथि लोग इसके बारे में कहीं कुछ सोचेंगे यह सोच मैं पहाड़े थे सत्यजीत के पिताजी | 



इस प्रकार की एक मुहूर्त में सत्यजीत के पिताजी अपने आप को असहाय सोचने लगे | यह देखकर सत्यजीत के पड़ोसी राम के माता सत्यजीत के मां को बोले क्या हुआ आप इतनी उदास दिखाई दे रहे हैं ?  क्या हुआ है ? सत्यजीत के माता सब कुछ राम के माता जी को बोले | सारी बातें  सुनकर राम के माता जी घर में आए और घर में पड़ा हुआ खाद्य पदार्थ को लेकर सत्यजीत के माता जी को  दे आई | यह देखकर सत्यजीत की माताजी बहुत खुश  हुई | 


 पड़ोसी को सहयोग || Neighbor support || Hindi Stories


और एक दिन की बात है | राम विद्यालय से अपने घर आते-आते रास्ते में एक गाड़ी के ठोकर से उसका सर फट गया और बहुत जोर से खून मेहता चला गया |  वह खून से पूरा लथपथ हो गया | रास्ते में आने वाली उसकी दोस्त उसे इस हालत में देखकर उसे बहुत ही जल्द अस्पताल ले गए | उसको हस्पताल में छोड़ने के बाद उसके दोस्त उसके घर वालों को बुलाए | हस्पताल डॉक्टर इलाज करना शुरू किए और कुछ समय के बाद बाहर निकल कर बोले उसका बहुत सा खून शरीर से निकल गया है | उसके लिए खून चाहिए होगा | उसके सारे घर वाले खून देने के लिए तैयार हो गए परंतु किसी का भी रक्त राम के रक्त के साथ नहीं मिला | यह देखकर राम कह दोस्त सत्यजीत बोला मौसी ने राम को खून दूंगा | भगवान की दया से सत्यजीत का रक्त भी राम से मिल गया परंतु डॉक्टर बोले तुम बहुत छोटे हो खून देने के लिए तुम्हारा उम्र नहीं है | परंतु सत्यजीत अपने जीत में अटल रहा और आखिर में डॉक्टर उसका खून को लेकर राम को चढ़ाएं | कुछ दिन के बाद राम सुस्त हो गया |  वह अपने पूर्व अवस्था में फिर से लौट आया | एक दिन जैसे राम की माताजी ने सत्यजीत के अतिथियों को निराश नहीं होने दिया उसी तरह आज सत्यजीत  ने राम की जान बचा कर उनके काम आया |



इस कहानी से हम यह सकते हैं कि हमेशा अपने पड़ोसियों की मदद करनी चाहिए |


|| धन्यवाद ||

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