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भगवान के भरोसे || Hindi Stories

             
  भगवान के भरोसे

1 दिन की बात है एक शिकारी धनुष लेकर जंगल में गया था शिकार की आशा के बारे में | जंगल की उस जगह के आसपास एक हिरनी अपने बच्चे को लेकर जा रही थी | यह देखकर हंटर बहुत खुश हुआ सोचा कि आज मेरे को मेरा शिकार मिल गया यह सोचकर वह सजनी के पीछे शिकार करने के लिए गया गया |

पहले शिकारी जंगल से बहुत सारे टुकड़े लाकर एक साथ जमा करना शुरू करते हैं | और एक तरफ से तारों की चालों को लगाना शुरू किया | ये तार के झालो के पास वह अपने कुत्ते को नजर रखने के लिए खड़ा कर दिया और दूसरी तरफ वह खुद अपना तीर और धनुष लेकर खड़ा हो गया है | इंजन कुल के बीच-बीच ओ हिरनी को फांसा दिया शिकार करने के लिए | हिरनी को डराने के लिए उसने सूखे पत्ते पर आग भी लगा दी

दुबे जी ने देखा कि वह खुद चारों ओर से गिरी जा चुकी है वह खुद को बहुत डरी हुई सोच चुकी है | उस समय हिरनी की बच्ची भी बहुत डर गई थी कि वह आपको देखकर विचलित हो रहा था आखिर में हिरनी अपनी सारी बुद्धि लगाने के बाद देखा की कोई रास्ता नहीं बच रहा है की उसकी आँखों से आंसू आने शुरू हुए |


|| भगवान के भरोसे || Hindi Stories


अंत में वह भगवान को मन ही मन प्रार्थना करने लगी | भगवान ने उसकी मन की बात सुन ली है और कुछ ही समय के अंदर बहुत जोर से बारिश आंख आना शुरू हो गया है | उसने बारिश के कारण पत्तों पर लगा हुआ आग बुझ गया | बारिश में हुई हवा के कारण एक पेड़ उस कुत्ते के ऊपर गिर गया और कुत्ता वही मर गया | कहीं से एक जहरीला सांप आकर उस शिकारी को काट दिया और शिकारी उस शहर के कारण मर गया | इसी तरह हिरनी अपने और अपने बच्चे की जान बचाने में सफल हुए |

इस कहानी से हम यह सीखते हैं कि यदि कोई परिस्थिति में हम कभी ग्रस्त होते हैं तो हमें हमेशा भगवान को याद करना चाहिए |



| | धन्यवाद | |

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